Coca‑Cola इंडिया के ‘प्रोजेक्ट उन्नति’ से देश के 12 राज्यों के 3.5 लाख से अधिक किसानों का जीवन खुशहाल हुआ है

अच्छी कृषि पद्धतियों (GAPs) को अपनाने के माध्यम से 5X तक फल उत्पादकता बढ़ाकर किसानों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने का लक्ष्य है, जिससे आय में वृद्धि हो

03/08/2022

नई दिल्ली, 3 अगस्त 2022: Coca‑Cola इंडिया ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में अपने प्रयासों के अनुरूप अपनी परियोजना उन्नति के सफल कार्यान्वयन के एक दशक पूरे होने की घोषणा की है। यह परियोजना Coca‑Cola की फ्रूट सर्कुलर इकोनॉमी पहल का हिस्सा है, जो कंपनी की ESG प्राथमिकता – सतत कृषि का एक मुख्य स्तंभ है। परियोजना उन्नति का उद्देश्य देश में कृषि दक्षता को बढ़ाकर, किसानों के साथ संबंधों को मजबूत करके और खाद्य-प्रसंस्करण क्षमता का निर्माण करके भारतीय कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र को सहयोग देना है। पिछले 10 वर्षों में, प्रोजेक्ट उन्नति ने देशभर के 12 राज्यों में 350,000 से अधिक फल किसानों को सशक्त और सक्षम बनाने में मदद की है। आम, सेब, संतरा, अंगूर, लीची जैसी पांच फलों की किस्मों और गन्ने पर केंद्रित इस परियोजना का मकसद देश भर में बागवानी आपूर्ति-श्रृंखला को प्रोत्साहित करना और उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।  

तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों में उन्नति परियोजनाओं के तहत अच्छी कृषि पद्धतियों (GAP) को अपनाने से अल्ट्रा हाई डेंसिटी फ्रूट प्लांटेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से फल उत्पादकता में 5 गुना वृद्धि देखने को मिली है। इसके अलावा, Coca‑Cola का ‘मीठा सोना उन्नति’ कार्यक्रम छोटे गन्ना किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने, उनकी आजीविका बढ़ाने और जलवायु अनुकूल गन्ने की खेती को बढ़ावा देने को समर्पित है। 

ये परियोजनाएं उच्च उपज वाली रोपण सामग्री और अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपीएस) जैसे अल्ट्रा-हाई-डेंसिटी प्लांटेशन (यूएचडीपी) के जरिये बुनियादी ढांचे को सक्षम करने के लिए किसानों तक सुविधा प्रदान करती हैं, जिसमें ड्रिप सिंचाई, ऑन साइट ट्रेनिंग और कृषि पूरक सहयोग शामिल है। इन नई तकनीकों को अपनाने से प्रति इकाई भूमि की गुणवत्ता, उत्पादकता और लाभप्रदता में पर्याप्त वृद्धि होती है जो आगे चलकर फलों की खेती को आकर्षक बनाती है। 

​राजेशअयापिला – निदेशक- सीएसआर और कोका-कोला कंपनी में भारत और दक्षिण पश्चिम एशिया (INSWA) के लिए सस्टेनेबिलिटी ने कहा कि ” किसान भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्नति परियोजना के ज़रिए, हमारा उद्देश्य इन किसानों को न सिर्फ़ उन्नत बागवानी समाधान प्रदान करके उनकी आजीविका में सुधार करना है बल्कि उनकी आय में पर्याप्त वृद्धि करने के लिए उन्हें सशक्त बनाना है। यह कृषि अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप एक कदम है।

Coca‑Cola इंडिया ने वर्ष 2011 में आंध्र प्रदेश में ‘प्रोजेक्ट उन्नति मैंगो’ के साथ भारत में फ्रूट सर्कुलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया। इसके बाद इस कार्यक्रम का विस्तार महाराष्ट्र में वर्ष 2018 में उन्नति ऑरेंज के रूप में हुआ, और फिर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में उन्नति सेब और अंततः एक दशक में लीची और अंगूर भी इस परियोजना में शामिल हो गए। भारत सरकार ने इस पहल की व्यापक रूप से सराहना की। 

प्रोजेक्ट उन्नति का उद्देश्य आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करना और देश में किसानों और स्थानीय सप्लायरों के लिए नए अवसर सृजित करना है। यह परियोजना महिला सशक्तिकरण, सामुदायिक कल्याण और जल प्रबंधन जैसे हमारे कई अन्य स्थिरता फोकस क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव पैदा करती है। परियोजना का उद्देश्य प्रमुख बागवानी वस्तुओं का आयात प्रतिस्थापन करना है और कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए किसानों के अपने गांव वापस लौटने की क्षमता की कल्पना करना है। 

​परियोजना उन्नति के अंतर्गत शुरू की गई 

उन्नति मैंगो 

o उन्नति मैंगो परियोजना वर्ष 2011 में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के चित्तूर जिले में आम की खेती की क्षमता का एहसास करने के लिए शुरू की गयी थी। यह कार्यक्रम अल्ट्रा-हाई-डेंसिटी वृक्षारोपण, पानी की समस्या को कम करने के लिए ड्रिप सिंचाई के उपयोग, फसल की पैदावार बढ़ाने और समग्र सामुदायिक विकास के जरिये किसानों को लाभान्वित करता है।

o जैन सिंचाई और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) कार्यान्वयन, किसान प्रशिक्षण, प्रभाव मूल्यांकन और हाइड्रोलॉजिकल मूल्यांकन करने के लिए मिलकर काम करते हैं।

उन्नति ऑरेंज 

o 2018 में शुरू किया गया ऑरेंज उन्नति कैंपेन CCIPL, महाराष्ट्र राज्य सरकार और जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षीय साझेदारी का परिणाम है। एकीकृत कृषि विकास परियोजना का उद्देश्य साइट्रस की खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि की प्रति इकाई गुणवत्ता, उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि करना है।

o ऑरेंज उन्नति, पारंपरिक मंदारिन (नागपुर संतरा) किस्मों की तुलना में लगभग 50% अधिक रस वाली सामग्री के साथ नई अंतरराष्ट्रीय किस्मों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। चौतरफा प्रभाव डालने के लिए, इस पहल में सूचना साझा करने, पौधों की आसानी से उपलब्धता और डेमो फार्मों के माध्यम से प्रभाव प्रदर्शित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है।

• उन्नति एप्पल 

o इस परियोजना की शुरुआत 2018 में उन्नत कृषि तकनीकों के साथ किसानों की आजीविका में सुधार लाने और उन्हें शिक्षित करने के उद्देश्य की गई थी। इस पहल की शुरुआत पौधे लगाने और ज़रूरी बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए की गई थी, जिस पर 80% की सब्सिडी दी गई थी।

o किसानों के कल्याण को बढ़ावा देने, उत्पादकता में सुधार करने और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, Coca‑Cola इंडिया ने उत्तराखंड में एप्पल-उन्नति परियोजना के भागीदार के तौर पर, इंडिया डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (IDHT) के साथ भागीदारी की है।

o अल्ट्रा-हाई-डेंसिटी प्लांटेशन (UHDP) पर ध्यान केंद्रित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रणाली को शुरू करके, प्रोजेक्ट एप्पल उन्नति का उद्देश्य भारत में खास तौर पर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर राज्यों में सेब की उत्पादकता को बढ़ावा देना है। इसके परिणामस्वरूप भूमि की प्रति इकाई गुणवत्ता, उत्पादकता और लाभप्रदता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी, अंततः किसानों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही, यह भारत को सेब के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी काम कर रहा है।

• उन्नति ग्रेप 

o एकीकृत कृषि विकास परियोजना का उद्देश्य साइट्रस की खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भूमि की प्रति इकाई गुणवत्ता, उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि करना है।

o परियोजना के लिए कार्यान्वयन भागीदार PayAgri, NRC-Grapes और Cendect-KVK हैं

o इस परियोजना का उद्देश्य तमिलनाडु के थेनी और डिंडीगुल जिलों में 8000 से ज़्यादा किसानों को प्रशिक्षित करना है

• उन्नति लीची 

o इस कार्यक्रम की शुरुआत 2019 में DeHaat, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (NRCL) और केडिया फ्रेश के साथ हुई थी। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य कृषि-मूल्य श्रृंखला दक्षता के साथ-साथ लीची की खेती में किसानों की क्षमता को बढ़ाना है।

o यह कार्यक्रम अच्छी कृषि पद्धतियों (GAP) के बारे में किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। साथ ही, उपयुक्त तकनीकी के माध्यम से डेमो गार्डन का निर्माण करता है। 

Coca‑Cola इंडिया के बारे में जानकारी

भारत में Coca‑Cola देश की अग्रणी पेय कंपनियों में से एक है, जो उपभोक्ताओं के लिए स्वस्थ, सुरक्षित, उच्च गुणवत्ता वाले, ताज़ा पेय विकल्पों की अलग-अलग रेंज पेश करती है। 1993 में फिर से प्रवेश करने के बाद से, कंपनी पेय उत्पादों से उपभोक्ताओं को तरोताजा कर रही है – Coca‑Cola, Coca‑Cola नो शुगर, Diet Coke, Thums Up, Thums Up Charged, Thums Up Charged नो शुगर, Fanta, Sprite, Sprite Zero, Maaza, VIO फ़्लेवर्ड मिल्क, Minute Maid के अलग-अलग जूस, Minute Maid स्मूथी और Minute Maid विटिंगो, Georgia के गर्म और ठंडे चाय और कॉफी के अलग-अलग विकल्प, एक्वैरियस और एक्वैरियस ग्लूकोचार्ज, Schweppes, Smartwater, Kinley और Bonaqua पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और Kinley क्लब सोडा। अपने बॉटलिंग ऑपरेशन और अन्य बॉटलिंग साझेदारों के साथ, 2.6 मिलियन से ज़्यादा खुदरा दुकानों के एक मजबूत नेटवर्क के माध्यम से, कंपनी प्रति सेकंड 500 से ज़्यादा सर्विंग की दर से लाखों उपभोक्ताओं के जीवन को प्रभावित करती है। इसके ब्रैंड देश में सबसे पसंदीदा और सबसे ज्यादा बिकने वाले पेय पदार्थ हैं, जिनमें Thums Up और Sprite दो सबसे ज्यादा बिकने वाले स्पार्कलिंग पेय पदार्थ है।

Coca‑Cola इंडिया सिस्टम 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 150,000 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती है। भारत में Coca‑Cola सिस्टम वर्ल्ड विदाउट वेस्ट, फ्रूट सर्कुलर इकोनॉमी, वॉटर स्टीवर्डशिप, महिला सशक्तिकरण, और कई अन्य सामुदायिक पहल के माध्यम से स्थायी समुदायों के निर्माण में सामान्य तरीके से योगदान दे रहा है।

भारत में कंपनी के संचालन और इसके प्रोडक्ट के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए, कृपया इस लिंक पर जाएं: www.coca-colaindia.com